इंसान की पहचान तो दौलत से होने लगी है
ज़मीर की कीमत ही क्या रह गई है आज
कसमे वादे निभाने वाले की कोई कदर नहीं
झूठे लोग ही कर रहे हैं राज
इंसान की पहचान तो दौलत से होने लगी है
ज़मीर की कीमत ही क्या रह गई है आज
कसमे वादे निभाने वाले की कोई कदर नहीं
झूठे लोग ही कर रहे हैं राज
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