दफ़न हो जाती सिसकियाँ चार दीवारों में
जब कोई सगा ही हाथ डालता है घर के बेटियों पे
अपने खून के दर्द को करके अनदेखा
कभी कभी अपने ही झोंक देते है हमें खामोशी की बेड़ियों में
दफ़न हो जाती सिसकियाँ चार दीवारों में
जब कोई सगा ही हाथ डालता है घर के बेटियों पे
अपने खून के दर्द को करके अनदेखा
कभी कभी अपने ही झोंक देते है हमें खामोशी की बेड़ियों में
Copyright (c) 2021 Deep Ke Lafz All Right Reseved
0 Comments